अब भी है बिहार पुलिस ‘छुआछूत’ के घेरे में

भारत में जातिगत विभाजन को समाप्त करने के कोई कितने भी दावे करे, लेकिन उसे खत्म करना इतना आसान भी नहीं है.अब बिहार को ही ले लें,सामाजिक पृथकता से कोसों दूर इस विभाग में,जाति के आधार पर बने…

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भीमराव रामजी अम्बेडकर : संविधान निर्माण

अपने विवादास्पद विचारों, और गांधी और कांग्रेस की कटु आलोचना के बावजूद अम्बेडकर की प्रतिष्ठा एक अद्वितीय विद्वान और विधिवेत्ता की थी जिसके कारण जब, 15 अगस्त, 1947 में भारत की स्वतंत्रत…

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भीमराव रामजी अम्बेडकर : राजनीतिक जीवन

13 अक्टूबर   1935  को,अम्बेडकर को सरकारी लॉ कॉलेज का प्रधानचार्य नियुक्त किया गया और इस पद पर उन्होने दो वर्ष तक कार्य किया। इसके चलते अंबेडकर बंबई में बस गये, उन्होने यहाँ ए…

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भीमराव रामजी अम्बेडकर : छुआछूत के विरुद्ध संघर्ष

भारत सरकार अधिनियम १९१९, तैयार कर रही साउथबोरोह समिति के समक्ष, भारत के एक प्रमुख विद्वान के तौर पर अम्बेडकर को गवाही देने के लिये आमंत्रित किया गया। इस सुनवाई के दौरान, अम्बेडक…

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भीमराव रामजी अम्बेडकर : प्रारंभिक जीवन व शिक्षा

भीमराव रामजी आंबेडकर का जन्म ब्रिटिशों द्वारा केन्द्रीय प्रांत ( अब मध्य प्रदेश में ) में स्थापित नगर व सैन्य छावनी मऊ में हुआ था। वे रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई मुरबादकर की १४ वीं व…

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भीमराव रामजी अम्बेडकर :परिचय

डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर ( १४ अप्रैल , १८९१ -- ६ दिसंबर , १९५६ ) एक भारतीय विधिवेत्ता थे। वे एक बहुजन राजनीतिक नेता, और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी होने के साथ साथ, भारतीय संविधान के मुख्य…

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जालियाँवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल 1919)

जालियाँवाला बाग हत्याकांड  भारत के पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियाँवाला बाग में १३ अप्रैल १९१९ (बैसाखी के दिन) हुआ था। रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो…

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मथुरा जिले में सड़क किनारे लगा ये सरकारी बोर्ड

उत्तर प्रदेश की सरकार ये मानती है कि कोई बहिन बेटी अगर किसी भी काम से घर से बाहर निकलेगी तो गुंडे उसे उठा ले ही जायेंगे .चाहे वो शौच के लिए ही क्यूँ न जाये ! मथुरा जिले में सड़क किनारे…

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विज्ञापन हमें क्या सिखाते हैं ?

"अप्रैल फूल स्पेशल" . विज्ञापन हमें क्या सिखाते हैं ? 1) Tata की चाय पीयोगे तो देश बदल जाएगा 2) पानी की जगह कोका कोला और पेप्सी पीयें 3) लाइफबॉय और डेटोल 99.9% की…

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आत्मसम्मान के ऊपर एक सच्ची कहानी

एक भिखारी एक स्टेशन पर पेंसिलों से भरा कटोरा ले कर बैठा हुआ था| एक युवा अधिकारी उधर से गुज़रा और उसने कटोरे में एक डॉलर डाल दिया, लेकिन उसने कोई पेन्सिल नहीं ली| उसके बाद वह ट्रेन में ब…

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जब जब दर्द का बादल छाया, जब गम का साया लैहराया

जब जब दर्द का बादल छाया जब गम का साया लैहराया जब आँसू पलकों तक आया जब ये तन्हा दिल घबराया हमने दिल को ये समझाया दिल आखिर तू क्यों रोता है दुनिया मे यूँ ही होता है ये जो गहरे सऩ्नाटे…

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एक मासूम बच्ची मिली थी मुझे पत्थर तोड़ती हुई

एक मासूम बच्ची मिली थी मुझे पत्थर तोड़ती  हुई पेट की भूख मिटने के लिए कुछ पैसे जोरती हुई एक मासूम बच्ची मिली थी मुझे पत्थर तोड़ती हुई रूखे बाल चेहरे पे भोलापन आखो में रोटी के…

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युधिष्ठिर और यक्ष प्रश्न

पांडवों के वनवास के बारह वर्ष समाप्त होनेवाले थे. इसके बाद एक वर्ष के अज्ञातवास की चिंता युधिष्ठिर को सता रही थी. इसी चिंता में मग्न एक दिन युधिष्ठिर भाइयों और कृष्ण के साथ विचार विमर…

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महाभारतकालीन पुरावशेष मिले

महाभारतकालीन इतिहास से जुड़े मैनपुरी के औंछा में अति प्राचीन पुरावशेष दबे हुए हैं। दसवीं सदी का एक मंदिर तो जमीन का सीना कुरेदकर बाहर आने को तैयार है। यहां करीब पांच फुट ऊंचाई के टीले …

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