कहानी

आत्मसम्मान के ऊपर एक सच्ची कहानी

एक भिखारी एक स्टेशन पर पेंसिलों से भरा कटोरा ले कर बैठा हुआ था| एक युवा अधिकारी उधर से गुज़रा और उसने कटोरे में एक डॉलर डाल दिया, लेकिन उसने कोई पेन्सिल नहीं ली| उसके बाद वह ट्रेन में ब…

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कुछ समय के लिए आप ही "आदमी " बन जाओ ना

एक बार गर्मी में मौसम में एक मजदूर को एक सेठ के दूकान पर बहुत भारी ,वजनी सामान लेकर जाना था बेचारे मजदूर का चिलचिलाती धूप , गर्मी और प्यास के कारण बुरा हाल हो रहा था ... ....बहुत …

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मांस का मूल्य - बोध कथा

मगध के सम्राट् श्रेणिक ने एक बार अपनी राज्य-सभा में पूछा कि - "देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए सबसे सस्ती वस्तु क्या है?" मंत्रि-परिषद् तथा अन्य सदस्य सोच में पड़ गये…

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एक छोटी सी कहानी जो आपके सोचने का नजरिया बदल सकती है

एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू किया . हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए. फि…

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यह लोभ ही पाप का गुरु है

एक पंडित जी कई वर्षों तक काशी में शास्त्रों का अध्ययन करने के बाद अपने गांव लौटे। गांव के एक किसान ने उनसे पूछा, पंडित जी आप हमें यह बताइए कि पाप का गुरु कौन है? प्रश्न सुन कर पंडित ज…

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