
महाभारतकालीन इतिहास से जुड़े मैनपुरी के औंछा में अति प्राचीन पुरावशेष दबे हुए हैं। दसवीं सदी का एक मंदिर तो जमीन का सीना कुरेदकर बाहर आने को तैयार है। यहां करीब पांच फुट ऊंचाई के टीले पर कुछ मिट्टी हटी तो मंदिर के कई साक्ष्य बाहर आ गए। करीब दर्जनभर मूर्तियां और मंदिर इमारत से जुड़े अवशेष निकले।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों का अनुमान है कि ये पुरावशेष 10-11वीं सदी के हैं। यदि संबंधित स्थल पर खुदाई की जाए तो अति प्राचीन मंदिर सामने आ सकता है।
औंछा ग्राम पंचायत में श्रंगी ऋषि का प्राचीन आश्रम स्थित है। किसी जमाने में इस आश्रम में चारों और टीलों की भरमार हुआ करती थी। धीरे-धीरे टीले खत्म होते गए। बीती नौ जुलाई को आश्रम में बनाए जा रहे एक नए मंदिर भवन के दायीं ओर स्थित करीब पांच फुट ऊंचे टीले को समतल कराया गया।
इसी दौरान खुदाई करने वालों को एक नर कंकाल नजर आया। इसके बाद एक-एक कर कुछ मूर्तियां, मंदिर के क्षतिग्रस्त अवशेष और निकले। जब जमीन समतल हुई तो उसके नीचे ककइया ईंटों से बनी दीवार या नींव के अवशेष दिखे।अन्य अवशेषों पर बारीकी से नजर डाली गई तो अंदाजा लगा कि यह सभी साक्ष्य किसी न किसी रूप में किसी एक मंदिर का हिस्सा हैं।
साभार -जागरण
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