कविताएं
मेरी खुशिया मेरी माँ से है
मेरी खुशिया मेरी माँ से है मेरे जज्बात मेरी माँ से है मेरी साँसे मेरी माँ से है मेरी मुस्कान मेरी माँ से है मेरा एहसास मेरी माँ से है मेरा आभाष मेरी माँ से है क्यों की में, मेरी सोच,मेर…
मेरी खुशिया मेरी माँ से है मेरे जज्बात मेरी माँ से है मेरी साँसे मेरी माँ से है मेरी मुस्कान मेरी माँ से है मेरा एहसास मेरी माँ से है मेरा आभाष मेरी माँ से है क्यों की में, मेरी सोच,मेर…
घुटनों से रेंगते रेंगते.. कब पैरों पर खड़ा हुआ, तेरी ममता की छाओं में जाने कब बड़ा हुआ! काला टीका दूध मलाई आज भी सब कुछ वैसा है, मैं ही मैं हूँ हर जगह प्यार यह तेरा कैसा …