
हाँ भाई लोग आज 31 मई है कितने लोग पिच करके गंदगी मचाना छोड़ रहे है । जितना हम गुटखा पे खर्च कर अपनी मौत को जल्दी बुलाते है, उतना ही खर्च किसी भूखे को दो रोटी का बन्दोबस्त करने मेँ लगाते तब हमारी देशभक्ती का एक बेहतरीन नमूना पेश होगा क्योँकि आज भी हमारे देश मेँ भुखमरी और कुपोषण से मरने वालोँ की संख्या बहुत है जिन्हेँ हम अक्सर अपनी सड़को के किनारे कूड़े-करकट की ढेर मेँ कुछ खाने को ढूंढते हुए देखते हैँ।
.... तो आज संकल्प लीजिए कि आज से गुटखा, पान-मसाला, खैनी नही खायेँगे ।