
"कुछ लोग हार के भी जीत जाते है, कुछ लोग जीत के भी हार जाते है,
नहीं दिखते अकबर के बुत कहीं भी , महाराणा तो अपने घोड़े पर हर चोराहे पे नजर आते है.!!
यह कौन से महाराणा प्रताप है?
और
यह दिखाई जा रही कौन सी मेवाड़ की भूमि है ??
सोनी टीवी पर दिखाए जा रहे धारावाहिक वीर पुत्र महाराणा प्रताप में रेगीस्तानी भूमि, वेशभूषा, पहनावा, और मेवाड की आन, बान और शान को दर्शाती वो मेवाड़ के पगड़ी,प्रताप को उसके मित्रो का संबोधन, मेवाड़ के प्रताप से कुछ भी सही नहीं है...
एक धारावाहिक में व्यवसायिक दृष्टि से जो भव्यता,ग्लैमर,वैभव ,धनाढ्यता, महलो के रीती-रिवाज़, चित्तौड़ गढ़ महल के सम्पनता, आलिशान ढंग से प्रताप और उदय सिंह जी का जीवन बताया है वो निर्माता,निर्देशक, प्रोडक्शन हाउस और उसकी TRP के लिए तो ठीक है,
मगर
सत्यता से कोसो दूर है ,मुगलों के अत्याचार,आक्रमण और लूट के बाद ,जोहर से तो चित्तौडगढ़ इतना भव्य रहा ही नही…प्रताप और उदयसिंह का जीवन तो चित्तौड़ मे और उसके बाद न जाने कितनी तकलीफों से गुजरा उसके बाद तो उनको उदयपुर बसाना पड़ा,, प्रताप का पूरा बचपन तो तलहटी मे भीलो के साथ परिवार से अधिकतर दूर रहते हुए गुजरा…यह मेवाड़ का बच्चा-बच्चा आज भी जानता है और इसे से प्रेरणा लेकर ही मेवाड़ का हर एक नागरिक सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीता है…यहाँ एक एक व्यक्ति रघुकुल वंशज और एकलिंगनाथ के दीवान प्रताप को जीता है और हमने तो इसको जिया है .. धारावाहिक के प्रथम एपिसोड को देखने के बाद अब तो यही लगता है के हमें अब किसी और प्रताप को पूजना होगा और आगे न जाने क्या और नया इनके अनुसार देखना होगा…
दूसरे अन्य राज्यों मे जहा प्रताप को इस नए रूप मे देखा जायेगा वो इतिहास को और प्रताप को बदलने का अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक फ़ायदा प्राप्त करने का सरासर एक गलत प्रयास है…प्रताप और उसका जीवन और कहानी यहाँ हर एक मेवाड वासी के दिल मे कूट कूट कर भरी हुई है…इनका प्रयास सराहनीय और प्रसंसा करने योग्य है परन्तु इस प्रकार से तो कतई नहीं....प्रयास कुछ ऐसा करो के इतिहास का मूलरूप और सत्यता कही समाप्त न हो जाये…
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भारतीय इतिहास